Wednesday, September 28, 2011

Bharat Ka Padosi Desh

                                                          हिमालय की गोद में बसा नेपाल
नेपाल   भारत का पडोसी देश  हे और  उत्तर में  हिमालय की गोद में  बसा हुआ हे।इसकी सीमायें  पूर्व ,पश्चिम एवं दक्षिण तीनो ओर से भारत से मिली हुई है।हमारी यात्रा दिल्ली से गोरखपुर तक रेल से थी ।हमें नेपाले की दक्षिणी सीमा से प्रवेश करना था ।गोरखपुर से 100 कम का सफ़र जीप द्वारा तय करके हम सोनोली बोर्डर पहुंचे ।वहां पर अंतर्राष्ट्रीय सीमा चौकी है ।यहाँ से हमने नेपाल में प्रवेश किया ।हमें भरतपुर पहुँचाना था ।अत: हम बुट्कल  होते हुए बस द्वारा भरतपुर पहुंचे ।बहुत ही घुमावदार रास्ता था ।
भरतपुर से ही पर्वतराज हिमालय के दर्शन हो गए थे ।यहाँ से काठमांडू तक का सफ़र बहुत ही रोमांचक था
नारायणी नदी के किनारे से पतली सड़क जिसके एक और पहाड़ हे ।एसा लगा की यात्रा बस की सीट पर नहीं बल्कि प्रकृति की गोद में बैठ कर  कर रहे हैं ।
   |नेपाल का  क्षेत्रफल 147000 km  हे |     बहुत ही सुंदर देश है। यह विश्व का एकमात्र हिन्दू राष्ट्र है । 
|यहाँ के निवासी बहुत ही सरल स्वाभाव के होते हे |यहाँ के  लोग मेहमान नवाजी में भी निपुण होते हे |
इस देश की राजधानी काठमांडू हे |पहाड़ी क्षेत्र होने के कारण यहाँ रेल मार्ग की सुविधा उपलब्ध नहीं हे |
सड़क  या हवाई मार्ग से ही देश के एक हिस्से से दुसरे हिस्से में पहुच सकते हे |छोटे छोटे   हवाईजहाज नेपाल के काठमांडू हवाई अड्डे से उड़ान भरते हे पूरे देश में ४० से भी अधिक एअरपोर्ट हे |
पर्वता रोहन में रूचि रखने वाले पर्यटक दुनिया के हर कोने से यहाँ आते हे Mt एवेरेस्ट  पर चढ़ने के लिए |
|इसी कारण पर्वतारोही के ठहराने  के लिए पहाड़ों के मध्य उत्तम कोटि के होटल एवं  अतिथिगृह उपलब्ध है ।
यहाँ की आर्थिक व्यवस्था में पर्यटन की भूमिका महत्वपूर्ण है ।काठमांडू के  थामेल में  सम्पूर्ण विश्व के पर्यटक  दिखाई देते है ।
|पर्वतीय इलाका होने की वजह से यहाँ का रहन सहन अलग हे |
समतल भूमि नहीं होने से सीढ़ीनुमा खेत बनाये हुए हे |नारायणी नदी यहाँकी   प्रमुख नदी हे |

                                                                   लचका  पुल
|इस नदी को पार करने के लिए जो पुल बनाये गए हे वो यहाँ की भाषा में लचका पुल कहा जाते हे ये पुल लोहे के तारो से बने होते हे |इन पर चलते समय इस पुल पर कम्पन होती हे |
स्वयम्भू एक बौध मठ हे| यह एक पहाड़ी पर हे | यहाँ पर भगवान्  बुध की सोने की मूर्ती हे।




                                                                बुध की स्वर्णिम प्रतिमा
भगवान् बुध का जनम स्थान लुम्बिनी भी नेपाल में ही हे |जो कपिलवस्तु के नाम से जाना जाता हे सीता का  जनम स्थान भी नेपाल में ही हे |जिसे कभी मिथिला के नाम से जाना जाता था |
यहाँ से जब मौसम साफ़ होता हे तो mt एवेरस्ट देख सकते हे   हे उनमे उत्तर पूर्व स्थापत्य कला की झलक मिलती  हे |उसका नमूना इस चित्र में दिखाई देता हे |यह काठमांडू  शहर के बीच में स्थित हे |इसे दरबार
square के नाम से जाना जाता हे |
                                       
                                                                दरबार स्क्वायर
यह काठमांडू शहर के मध्य में स्थित हे।पशुपतिनाथ  का मंदिर भी काठमांडू में ही है ।
भारत से नेपाल जाने के लिए उत्तरप्रदेश या बिहार की सीमा से जाना पड़ता हे |
गोरखपुर से १०० कम की दूरी पर सोनौली बोर्डर से या बिहार के रक्सौल बोर्डर से नेपाल जा सकते हे |
हवाई यात्रा के लिए delhi से काठमांडू के लिए विमान सेवा उपलब्ध हे |