Sunday, July 26, 2015

Evening in Paris

              तीन दिन इन पेरिस




जिज्ञासा मानव प्रकृति हे। जिज्ञासा पूर्ती के प्रयास में ही मानव मन में यात्रा का शौक पैदा हुआ

विभिन्न स्थानों की यात्रा करने से जो जानकारी मिलाती हे वह पुस्तकों से नहीं मिल सकती है। कई बार हम अपने आस पास के स्थानों को देखने का अवसर भी नहीं मिलता है लेकिन हजारों मील दूर दुनिया घूमने के अवसर मिल जाते है। ऐसा मेरे साथ पिछले पंद्रह सालों में कई बार हुआ है। बच्चों से मिलने के बहाने अमेरिका और यूरोप के बहुत देशों का भ्रमण करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है।
   इस बार पेरिस घूमने का अवसर मिला।करीब पचास साल पहले बॉलीवुड की एक पिक्चर बनी थी नाम था एन इवनिंग इन पेरिस.इस को देखने के लिए जाने वालों में पेरिस शहर को देखने के इछुक भी थे।







पेरिस फ्रांस देश की राजधानी है और फ्रांस का सबसे अधिक आबादी वाला शहर है। पर्यटक भी यहाँ बहुत मिलेंगे।
यह शहर संस्कृति,फैशन ,स्थापत्य कला के लिए मशहूर हे।
पेरिस को फैशन की राजधानी भी कहा जाता हे। इसके कई कारन हे।
सोलहवीं शताब्दी के राजा लुई ने  दअपने महल में  दरबारियों के लिए ड्रेस कोड बनाया था। उसके अनुसार निर्धारित वर्दी पहन कर ही महल में प्रवेश की इजाजत थी।
 उस समय को पेरिस में फैशन की शुरुआत मन जाता हे। उसके बाद में तो विश्व के जाने माने फैशन डिज़ाइनर अधिकतर पेरिस से ही निकले हे।चार्ल्स फ्रेडरिक वर्थ जिसने डिज़ाइनर वस्त्रों की शुरुआत  की थी।  चैन ल,डिओर यह सभी  डिज़ाइनर्स पेरिस के ही हे. विश्व  में सबसे अधिक फैशन शोज     पेरिस  में ही होते  हे।







पेरिस की एक गली 


शहर बहुत ही प्राचीन हे। यहाँ की पेरिस यूनिवर्सिटी यूरोप की पहली यूनिवर्सिटी है। यह शहर साइन  नदी के किनारे बसा हुआ है। साइन नदी के किनारे पर खड़े होने पर यह सोचने मजबूर  हो जाते हे की इंसान ने इस धरती  को संवारने के कैसे कैसे प्रयास किये हे.
प्रकृति ने इस स्थान पर साइन नदी बना कर छोड़ दिया था। लेकिन यहाँ के निवासियों के प्रयासों द्वारा  इसी नदी के किनारे पर भव्य इमारते बनाई गयी।  नदी पर पुल बना कर उसके दोनों और सड़क बनाई गयी। सड़क के नीचे मेट्रो ट्रैन चकई व्यवस्था की गयी। यह मेट्रो ट्रैन एक से अधिक लेवल पर चलती हे। और पेरिस के यातायात का प्रमुख अंग है्‌.

 सड़क के   नीचे दिन भर में अनगिनत बार मेट्रो ट्रैन गुजरती हे
नदी के किनारे बने हुए महल के नीचे बेसमेंट में संग्रहालय बना दिया गया।  . मेट्रो ट्रैन सीधे संग्रहालय के द्वार पर पहुंचा देती हे. इस संग्रहालय में पूरे विश्व के कलाकृतियां जो की हजारों में हे देखने को मिलेगी।
नोट्रे डैम यहाँ का कैथोलिक चर्च है। यह बारहवीं शताब्दी में बनना शुरू हुआ था। यह इमारत फ्रांस गोथिक स्थापत्यकला का अद्भुत नमूना है।इसको देखने के लिए हजारों. पर्यटक प्रतिदिन आते हे। चर्च के बाहर इन पर्यटकों के लिए इतना स्थान  हे की वे वहां खड़े हो कर अपनी बारी का इन्तजार कर सकते हे।

वैसे तो देखने के लिए अनगिनत स्थान हे कि समय काम ही पडेगा। लेकिन प्रमुख दर्शनीय स्थल में यहाँ का म्यूजियम

,एफ्फेल टावर ,नोट्रे डेम एवं वर्सेलस के महल है.
                                                                           

एफिल टावर 
एफिल टावर विश्व की ऊंची इमारतों में से एक है।
यह तीन मंजिल की है और एक हजार फ़ीट से भी अधिक ऊंची है। इस इमारत को देखने पूरे विश्व से पर्यटक आते है।

पुराने शहर की हर इमारत स्थापत्य कला का नमूना पेश करती हुयी नजर आती है।


                                                               

                                                साइन नदी के किनारे पर साइकिल रिक्शा


पेरिस में या ऐसा कहें की यूरोप में बाइसिकल बहुत ही लोकप्रिय हे। पेरिस में तो  साइन नदी के किनारे पर साइकिल रिक्शा भी मिल जाएगी जिसमे बैठ कर पर्यटक नदी पर बने पुल की सैर करते हे।