राजस्थान वीरों और विशाल एवं मजबूत किलों की भूमि है | |
राजस्थान के नाम से ही रेगिस्तान का अनुभव होने लगता है | विश्वास नहीं होता की राजस्थान में ही कुछ इलाका एसा है जो हरा भरा है और जहाँ पानी से लबालब झीले भी है और अरावली के पहाड़ भी है |ऐसी ही एक पहाड़ी पर है कुम्भलगढ़ का किला | |जी हाँ
mewaar का इलाका ऐसा ही है |मेवाड़ के महत्वपूर्ण किलों में कुम्भलगढ़ का स्थान दूसरा है |
प्रथम स्थान chittorgarh के किले का है |जब कभी भी खतरा आया तो राजाओं ने इस किले में शरण ली है |
|Udaipur शहर को राजस्थान का कश्मीर कहा जाता है |उदयपुर से करीब ८० किलोमीटर uttarpashim में कुम्भलगढ़ का किला हे जिसे राणा कुम्भा ने बनवाया था |यह किला १५ वी शताब्दी में बनवाया गया था |यह किला एक पहाड़ी पर बसा हुआ है |यहाँ पहुँचाने का रास्ता बहुत ही घुमावदार पहाड़ियों से घिरा हुआ होने के कारण दूर तक कुछ भी नजर नहीं आता है और अचानक किले की दीवार एवं प्रवेश द्वार दिखते ही बड़ा ही रोमांच का अनुभव होता है | कुदरत के कदरदानों के लिए यह किला बहुत ही महत्व रखता है |
किले के चारों ओर की मजबूत दीवार
कुम्भलगढ़ में ही महान योध्धा राणा प्रताप का जन्म स्थान हे |राणा प्रताप ने अकबर के साथ हल्दीघाटी की लड़ाई लड़ी थी |हल्दीघाटी यहाँ से 45 किलोमीटर की दूरी पर ही है ।
किले का प्रवेश द्वार |
उंचाई पर स्थित होने के कारण इस पर चढ़ने के समय विश्राम करने के लिए कुर्सीयां लगी हुई है जहाँ पर्यटक अपनी थकान मिटाने के लिए थोड़ी देर रुक सकते हे |पुराने खँडहर चढ़ते हुए रास्ते में देख सकते है |
किले की दीवार और चढ़ाई |
किले के आस पास बहुत आधुनिक होटल्स है |जहाँ पर्यटक ठहर सकते है |कुम्भलगढ़ से कुछ ही दूर पर वाइल्ड लाइफ sanctuary है जहाँ पर सुंदर चिड़ियाँ और तेंदुए भी देखे जा सकते है |
इस जगह की विशेषता यहाँ की वास्तु कला एवं प्रकृति का मेल है |
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