अखा ने
सांप रो कई मोटो ने कई छोटो
हिलायो सू साग जाय ,लडायो सू पूत जाय
क्रोध सू तपस्या जाय पाप जाय गंग सू
बाहर जवाई फूल बराबर ,गॉव जवाई आधा
घर जवाई गधे बराबर ,जब चाहो जब लादा
का ले री पूँछ माते पग देवणो
जननी जणे तौ भागवता ना शूरा ना पङिता
मीठो बोले मोरियो ने आखे ने गटकाय
Pag pahchone pagrakhi ne Nayan pehchone neh?
.j
No comments:
Post a Comment