Showing posts with label akhaane 2. Show all posts
Showing posts with label akhaane 2. Show all posts

Thursday, May 23, 2024

Akhane. 2

 अखा ने



सांप रो कई मोटो ने कई छोटो 

हिलायो सू साग जाय ,लडायो सू पूत जाय 

क्रोध सू तपस्या जाय पाप जाय गंग सू 

बाहर जवाई फूल बराबर ,गॉव जवाई आधा 

घर जवाई गधे बराबर ,जब चाहो जब लादा

का ले री पूँछ माते पग देवणो 

जननी  जणे तौ  भागवता ना शूरा ना पङिता

मीठो बोले मोरियो ने आखे ने गटकाय 

Pag pahchone pagrakhi ne Nayan pehchone neh?


तेल बले बाती बाले ने नाम दीये रो होय