यह जगह दुनिया के छोटे से छोटे टाउन में गिना जाता हे. यह जगह आधुनिक चमक दमक और शोर शराबे से दूर हे.
पुराने घर और पत्थर से बानी सड़क देख कर लगता हे की अभी तक आधुनिक साधन यहाँ नहीं पहुंचे हे. जो भी गाड़ियां दिख रही थी सब सैलानियों की ही थी। टाउन में गाडी ले जाना मना हे और ले जाने की सुविधा ही नहीं हे. छोटी छोटी घुमावदार गलियां जहाँ आप पैदल चल सकते हे।
प्रदूषण नहीं होने से सांस में ताजगी महसूस कर सकते हे.
यहाँ पर चॉकलेट्स जो की बिना मशीनों की सहायता से बनाई जाती हे। चलते चलते एक जगह लिखा हुआ पढ़ा की हस्तनिर्मित चॉकलेट। एक बार तो विश्वास ही नहीं हुआ की यह हिंदी लिखा गया हे ?लेकिन फिर सोचा की शायद कोई चॉकलेट प्रेमी ने किसी से लिखवाया होगा कोई हिंदुस्तानी सैलानी या विदेशी सैलानी जिसने हिंदी सीखी हुयी हो
इस खिड़की के बांयी तरफ पीले रंग के पट्टी पर सबसे नीचे हिंदी में लिखा हुआ हे
हस्त निर्मित चॉकलेट
हस्त निर्मित चॉकलेट
आप इस चित्र में देखिये की कितनी सुन्दर लिखावट हे।
आगे चलने पर पता चला की यहाँ पर फलों से जैम भी बनाया जाता हे। आप चाहे तो जैम बनने की प्रक्रिया देख सकते हे और तरह तरह के जैम चखने का आनंद भी ले सकते हे. अपने प्रियजनों के लिए जैम उपहार में भी ले जा सकते हे।
इस टाउन में कुछ पार्क हे जहाँ वृक्षों की. कटाई बहुत ही आकर्षक ढंग से की हुयी हे।
विभिन्न जानवरों का अकार दे करपेड़ों को तराशा गया हे।इस कल को टपियरी कहा जाता हे और इस छोटे से टाउन में टपियरी के बड़े बड़े उद्यान हे।
कुछ चट्टानों का आकार भी अद्भुत लगा। कुल मिला कर प्रकृति और मानव दोनों के ही प्रयासों से इस जगह की सुंदरता में चार चाँद लग गए हे.
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एक छोटी सी ट्रैन के द्वारा चट्टान के ऊपर जा कर आस पास का रमणीक नजारा देख सकते हे। और वहीँ पर ही जैम. एवं चॉकलेट बनते हुए देख सकते हे।
यही से कुछ ही दूरी पर इस्कॉन का मंदिर भी हे जिसे राधा देश के नाम से जाना जाता हे.
यह सेपटोंन के पास में बना हुआ हे । यहाँ पर भक्ति वेदांत विद्यालय भी हे जहाँ पर विद्यार्थियों को वैदिक धर्म की शिक्षा दीजाती हे। मुझे यह जान कर आश्चर्य हुआ की विद्यार्थी विदेशी हे।
इस मंदिर में कृष्णा की पूजा होती हे. हमने यहाँ पर शुध्ध शाकाहारी भोजन की थाली का आनंद उठाया।
यहीं पर बेकरी उत्पाद भी खरीदे जो की बिना अंडे के बने हुए थे ?
मंदिर के सभी कार्यकर्ता हिंदुस्तानी वेशभूषा में और गले में तुलसी की माला पहने हुए थे. .
वैसे तो हमारे लिए यह एक आम बात हे लेकिन दुनिया के इस हिस्से यूरोप में हमारी संस्कृति की तरफ इतना प्रेम और विश्वास देख कर दिल रोमांचित हो उठा.
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