- आज मैं होचियो की मैं मारी मम्मी रै वास्ते एक ब्लॉग मारवाड़ी में बनावूँला, मारी यूं इच्छा है की मारी मम्मी इमे मारवाड़ी में ही लिखै!
अखाणों रो मजौ तो मारवाड़ी मैं ही आवेला!
सॊबकियाने एकलिखिया
सो बार बोलने पर भी याद नहीरहता हे लेकिन एक बार लिखा हुआ काम आ जाता हॆ
चतुरमिनख रोकाम नहि करनो
उन्विश्वसिये रो ताबर नही राखनो चतुर व्यक्ति का काम अच्छा करने
पर भी वह त्रुतिया निकाल सकता हे और जिसको विश्वास नही हे
उसके बाच्चे को अच्छे से रखने पर भी उसे शक ही रहता
हे
1 comment:
bhoot mare ne palit jaage
this one suggested by babloo bhabhiji
sandhya
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